1. 07 जून 2010 को भोपाल गैस त्रासदी के साढ़े
पच्चीस वर्ष बाद भोपाल की अदालत ने फैसला
07 जून 2010 को भोपाल गैस त्रासदी के साढ़े पच्चीस
वर्ष बाद भोपाल की अदालत ने फैसला सुनाया जिसमें लाखों
लोगों के जीवन को बुरी तरह दे प्रभावित करने तथा हजारों
लोगों की जान लेने वाली इस भीषणतम दुर्घटना के 8 दोषियों
को मात्र दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गयी जबकि इस
दुर्घटना का मुख्य आरोपी यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन
लिमिटेड के तात्कालीन सी.ई.ओ. वारेन एंडरसन को मध्य
प्रदेश के तात्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने
दुर्घटना के चंद घंटों बाद ही पूरे राजकीय सम्मान के
साथ उसके देश अमेरिका में भिजवा दिया था और आज वह
अमेरिका में आनंद का जीवन व्यतीत कर रहा है| इस मामले
में राजनीतिज्ञों , प्रशासनिक अधिकारियों, न्यायाधीशों
सभी की भूमिका नकारात्मक रही | 13 अप्रैल 1919 को
अंग्रेजी शासन की बर्बरता का सबूत मिला था जब अंग्रेज
अधिकारी जनरल डायर ने जलियावाला बाग़ में शांतिपूर्ण
सभा कर रहे लोगों को बिना चेतावनी दिए अंधाधुंध
फायरिंग कर दी थी जिसमें दो हजार से अधिक लोगों की
मृत्यु हो गयी थी लेकिन तब तो एक विदेशी सरकार हम पर
शासन कर रही थी जबकि 1984 में तो हमारी खुद की सरकार
थी पर हजारों हत्याओं के मुख्य दोषी को तो हमारे नेताओं
सुरक्षित उसके देश पहुंचा दिया जबकि हमारी न्यायपालिका
ने अन्य दोषियों को 26 साल बाद मात्र दो साल की कैद
सुनाई, बची खुची क़सर भ्रष्ट नेताओं एवं अधिकारियों ने
प्रभावितों को उचित मुआवजा तथा सुविधाएं न देकर पूरी
कर दीं | निश्चित ही यह दुर्घटना तथा उस पर ऐसा
अन्यायपूर्ण न्याय हमारे देश के लिए एक कलंक है | विस्तार
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गरीबों का मसीहा राजीव दीक्षित
मसीहा उस को कहा जाता है जो किसी की जीवन में रौशनी
को लेकर आता है | क्योंकि राजीव दीक्षित वास्तव में
भारत के लाखों परिवारों में आशा की एक नई रौशनी लेकर आ
रहे थे , इस लिए राजीव दीक्षित वास्तव में गरीबों के
मसीहा है| उन का एक पल भारत में से केसे गरीबी दूर हो
सकती है के तरीके इजात करने में बिता , उन्होंने आपने
जीवन में सबसे ज्यादा उपदेश गरीबी की समस्या के कारण
को बताने तथा उसके हल में दिए | उन्होंने अपनी इस छोटी
सी आयु में १५००० से भी ज्यादा उपदेश दिए | तथा कश्मीर
के एक गरीब से लेकर कन्याकुमारी तक के गरीबों की आवाज
को ऊपर उठाने की कोशिश की | उनोने यह प्रमाणों के दुआरा
सिद्ध कर दिया के , भारत को कमजोर भारत के ही गदार कर
रहे है |
विदेशी बैंकों में बड़े पैमाने पर काला धन रखने
वाले भारतीयों के बारे में पूरी जानकारी पेश करने को
लेकर सरकार की हिचकिचाहट पर गंभीर एतराज जताते हुए
सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि इस तरह का
बेनामी पैसा कुछ और नहीं, बल्कि देश से लूटी गई रकम
है, जिससे सुरक्षा के मोर्चे पर गंभीर नतीजे भुगतने पड़
सकते हैं। न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी और
न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की पीठ ने कहा, 'यह साफ तौर
पर देश के पैसे की चोरी है। हम दिमाग चकराने वाले
अपराधों की बात कर रहे हैं। हम अलग-अलग संधियों की
नजाकत की चर्चा नहीं कर रहे है।'
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने १ मार्च, २०११ से
प्लास्टिक थैलियों में गुटखा और पान मसाला जैसे
तंम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया।
'देश में मात्र एक करोड़ लोग अंग्रेजी समझते हैं
जबकि 114 करोड़ लोग अंग्रेजी नहीं समझते हैं लेकिन देश
के काम अंग्रेजी में ही होते हैं सुप्रीम कोर्ट में सभी
मामलों की सुनवाई अंग्रेजी में होती है |'
स्वामी बालक दास त्यागी जी महराज ने शनिवार को लोगों
से अपने घरों के गाय बैल की बिक्री नहीं करने का
संकल्प कराया। श्री महाराज शनिवार को परमवीर अल्बर्ट
एक्का स्टेडियम में पहुंचे विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा
के स्वागत समारोह में उपस्थित लोगों से यह संकल्प कराया।
उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता है, माता सिर्फ इसलिए
नहीं की वह दूध देती है बल्कि गाय समाज के समृद्धि का
प्रतीक भी है। उन्होंने गाय की महिमा का वर्णन करते
हुए कहा कि गाय के गोबर से घरों की लिपाई होती है।
क्या
आप जानते है?
भारत ने सबसे पहले लिपि व् भाषा की खोज की |
संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है | तथा
कम्पुटर के अल्गोरिथम के लिए सबसे उतम है |
विदेशी कम्पनियां हर साल भारत से ४००० करोड़
लुट के ले जाती है
विदेशी कंपनियां उग्रवादियों को भी कर्जा देती
है |
विदेशी कम्पनियां भारत में कोई तकनीक लेकर
नहीं आती , सिर्फ शून्य तकनीक की चीजे लाती हैं |
डॉ. राजीव दीक्षित जी का २९ नोव. २०१० को
दोपरह २.३० पर मोबाइल बंद था |
डॉ राजीव दीक्षित जी का चहरा मरने के बाद नीला
व काला हो गया था पर फिर भी पोस्टमार्टम नहीं हुआ
|
आजादी बचाओ आन्दोलन की तरफ से सभी को बीना
किसी कीमत के राजीव दीक्षित के देश प्रेम के उपदेश
भेजे जा रहे है |